हैं हम एक सफर के राही सब यहाँ बढ़ते वक़्त में बदल सकते हैं, हैं हम एक सफर के राही सब यहाँ बढ़ते वक़्त में बदल सकते हैं,
माँ बाप की दुआएं साथ रखो फिर कौन तुम्हें बिगाड़ेगा। माँ बाप की दुआएं साथ रखो फिर कौन तुम्हें बिगाड़ेगा।
प्रथम गुरु तेरे चरणों में शीश हमने झुकाया है, तेरे चरणों की धूलि को प्रभु माथे लगाया प्रथम गुरु तेरे चरणों में शीश हमने झुकाया है, तेरे चरणों की धूलि को प्रभु मा...
जब दर्द हुआ तुझे याद किया, जब कुछ ना दिखा तुझे याद किया, अंधेरी डगर में जब जब फँसा, चिराग ल... जब दर्द हुआ तुझे याद किया, जब कुछ ना दिखा तुझे याद किया, अंधेरी डगर में जब...
घर में घर में
मध्यांतर में मध्यांतर में